Monday, 12 February 2018

आरएसएस मुखिया के बयान पर बवाल, अब नीतीश बने मोहन भागवत के ढाल


आरएसएस मुखिया के बयान पर बवाल, अब नीतीश बने मोहन भागवत के ढाल

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के संघ के स्वयं सेवकों की तीन दिन में सेना तैयार करने संबंधी बयान का बचाव किया है. नीतीश ने कहा कि कोई नागरिक या नागरिक संगठन देश की सीमा की रक्षा के लिए अगर अपनी तत्परता दिखाता है तो यह ठीक है. नीतीश एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित लोकसंवाद के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे.
भागवत के बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि सेना को सैन्यकर्मियों को तैयार करने में छह-सात महीने लग जाएंगे, लेकिन संघ के स्वयं सेवकों को लेकर यह तीन दिन में तैयार हो जाएगी, से जुड़े एक सवाल के जवाब में नीतीश ने कहा कि कोई नागरिक या नागरिक संगठन देश की सीमा की रक्षा के लिए अगर अपनी तत्परता दिखाता है तो यह ठीक है. नीतीश ने प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी आरजेडी के राज्य और केंद्र सरकार के माध्यम से लालू प्रसाद को चारा घोटाला में 'फंसाए' जाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इसमें उनकी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोई भूमिका नहीं है.
नीतीश ने कहा 20 साल पुराने मामले में आज सजा हो रही है. अदालत में सुनवाई चल रही है. सीबीआई ने जांच की है और इसमें उनकी और मोदी की कोई भूमिका नहीं है. न्यायिक निर्णय पर कोई प्रतिक्रिया मैं नहीं देता हूं. इतनी प्रमुखता से इन मुद्दों को जगह नहीं देनी चाहिए. बिहार में बीजेपी के साथ फिर से गठबंधन के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, पहले जो महागठबंधन बना था, उस दौरान भी मैंने भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करने की बात कही थी. हमारी प्रतिबद्धता सुशासन के प्रति है, पहले भी थी और आज भी है. जनता की सेवा के लिए हमारे नेतृत्व में जनादेश मिला है.
बिहार में एनडीए शासनकाल में कानून व्यवस्था के बदतर होने के विपक्ष के आरोप के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के माध्यम से एक लाख की जनसंख्या पर जो अपराध के आंकड़े जारी किए गए हैं, उसमें बिहार का स्थान 22वां है. स्थिति में सुधार हो रहा है. दहेज हत्या और महिलाओं पर अपराध के मामले में बिहार की स्थिति उतनी अच्छी नहीं चल रही है, इसमें सुधार के लिए बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चलाया है. बिहार में एनडीए में असंतोष की चर्चा के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने इसे नकारते हुए कहा कि हर पार्टी अपने-अपने ढंग से अपनी बात रखती है. अपनी-अपनी राय व्यक्त करते हैं.
बिहार में लोकसभा की एक और विधानसभा की दो खाली सीटों के लिए आगामी 11 मार्च को होने वाले उपचुनाव में जेडीयू के हिस्सा नहीं लेने के संबंध में नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य की पार्टी इकाई का यह नीतिगत फैसला है कि मौजूदा सदस्य की मृत्यु से खाली होने के कारण खाली हुई सीटों के उपचुनाव में हम हिस्सा नहीं लेंगे.
बिहार के अररिया लोकसभा सीट से आरजेडी सांसद रहे मोहम्मद तस्लीमुद्दीन, जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी विधायक रहे मुंद्रिका सिंह यादव और भभुआ विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक रहे आनंद भूषण पांडेय के निधन के बाद इन सीटों के खाली होने पर गत 9 फरवरी को चुनाव आयोग द्वारा इन सीटों पर आगामी 11 मार्च को उपचुनाव कराए जाने की घोषणा की गई थी.
अयोध्या विवाद से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए नीतीश ने कहा, हम लोग शुरु से कहते रहे हैं कि इसका समाधान आपसी समझौते और बातचीत से होना चाहिए और अगर नहीं हो पाता है तो अदालत के फैसले से ही इसका समाधान हो पाएगा. देश में बेरोजगारी से संबंधित सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने कौशल विकास कार्यक्रम चलाया है और रोजगार उपलब्धता के बारे में कहा है. मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए को केंद्र में काम करने का मौका मिला है. वह चार साल से काम कर रहे हैं. अनावश्यक चीजों पर चर्चा नहीं होनी चाहिए, तथ्य और नीतियों पर बात होनी चाहिए.

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