EPFO ने 2017-18 के
लिए ब्याज दर घटाकर की 8.55% नौकरीपेशा लोगों को झटका,
देश के नौकरीपेशा लोगों के लिए बुरी खबर है।
कमर्चारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने साल 2017-18 के लिए ब्याज दर
को घटा दिया है। नई ब्याज दर 8.55% होगी जो पिछले साल 8.65% थी।
प्रॉविडेंट फंड डिपॉजिट पर ब्याज का यह फैसला बुधवार को ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड
के ट्रस्टियों की बोर्ड मीटिंग में लिया गया है।
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कर्मचारी भविष्य
निधि संगठन के ट्रस्टियों की आज हुई बैठक के बाद कहा, ‘मौजूदा आर्थिक
परिदृश्य को देखते हुए भविष्य के बारे में मूल्यांकन करना मुश्किल है। हमने पिछले
साल 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया, जिसके बाद 695
करोड़
रुपये का सरप्लस बचा है। इस साल हमने 2017-18 के लिये 8.55
प्रतिशत
की दर से ब्याज देने की सिफारिश की है, इससे 586 करोड़ रुपये का
सरप्लस बचेगा।'
मंत्री ने बताया कि ट्रस्ट ने ईपीएफओ योजनाओं
के तहत कवरेज के लिए कर्मचारी संख्या सीमा को मौजूदा 20 से घटाकर 10
करने का भी फैसला किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस फैसले से ईपीएफओ अंशधारकों
की संख्या 9 करोड़ तक हो जाएगी। इसके पहले उम्मीद जताई जा
रही थी कि EPFO मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 8.65% की
ब्याज दर बरकरार रख सकता है।
ब्याज दर बरकरार रखने की उम्मीद इसलिए की जा
रही थी क्योंकि EPFO ने इस वित्त वर्ष में अपने इक्विटी पोर्टफोलियो
में ठीकठाक प्रॉफिट बुकिंग की है। ईपीएफओ ने इसी महीने 2886 करोड़ रुपये
मूल्य के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स बेचे हैं। लेकिन उम्मीदों के उलट ब्याज दर को घटा
दिया गया। जाहिर है कर्मचारी इस फैसले से नाखुश होंगे।
बता दें कि ईपीएफओ ने 2016-17 के
लिए 8.65% इंट्रेस्ट रेट तय किया था, जो 2015- 16 में 8.8%
था।
यानी लगातार तीसरी बार इसे घटा दिया गया है। गौरतलब है कि बजट में भी नौकरीपेशा और
मिडिल क्लास के लोगों को सरकार ने कोई बड़ी राहत नहीं दी थी। इनकम टैक्स स्लैब में
कोई बदलाव नहीं किया गया था। अब EPFO का फैसला भी नौकरीपेशा लोगों को निराश
करेगा।
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