Saturday, 6 January 2018

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा उज्जैन में शैव कला संगम प्रदर्शनी का उद्घाटन


मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा उज्जैन में शैव कला संगम प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज उज्जैन में सन्तदास उदासीन आश्रम के समीप द्वादश ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकृति और भगवान शिव पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री के साथ डॉ.मोहन भागवत, स्वामी बालयोगी उमेशनाथजी महाराज, केन्द्रीय सिंहस्थ समिति के अध्यक्ष श्री माखनसिंह, ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, महापौर श्रीमती मीना जोनवाल, विधायक डॉ.मोहन यादव एवं अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने द्वादश ज्योतिर्लिंगों की थीम पर आधारित इस अनूठी प्रदर्शनी का अवलोकन कर प्रादर्शों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में शैव दर्शन, शैव परम्परा एवं भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों का आकर्षक एवं विषद वर्णन है। प्रदर्शनी के आकर्षण भगवान शिव पर आधारित 'शैव कला संगम' प्रदर्शनी में उनके सनातन रूपों का विस्तृत वर्णन है। प्रदर्शनी में चित्रों के माध्यम से भारत में प्राचीन काल में स्थापित विभिन्न शैव सम्प्रदायों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया है। शिव ने ही योग एवं ध्यान को प्रवर्तित किया है। इसी के आधार पर भारत के शैव, पाशुपत, नाथ एवं लिंगायत सम्प्रदाय का प्रदर्शनी में उल्लेख किया गया है। प्रदर्शनी में भगवान शिव के प्रकृति से जुड़े कई पहलुओं को दिखाया गया है। आदिदेव शंकर का चित्रण गुफाओं, पहाड़ों, नदियों, पशु-पक्षियों, तारा मण्डल, जंगलों, शमशान से लेकर फूल-पत्तियों तक से जुड़ा हुआ है। प्रदर्शनी में बारह ज्योर्तिलिंग के महत्व और प्राचीन मान्यताओं पर आधारित चित्रों का सुन्दर प्रदर्शन किया गया है। इसमें दक्षिणाभिमुखी स्वयंभू ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर, सौराष्ट्र गुजरात के प्रभास क्षेत्र में विराजमान श्री सोमनाथ, आन्ध्रप्रदेश के कुर्नुल जिले में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल पर्वत पर विराजित श्री मल्लिकार्जुन, निमाड़ क्षेत्र के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के मध्य मांधाता पर्वत पर विराजित श्री ओंकारेश्वर, उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ, मुम्बई से पूर्व और पुणे से उत्तर में भीमा नदी के किनारे सहयाद्री पर्वत पर विराजित श्री भीमाशंकर, उत्तर प्रदेश स्थित काशी के विश्वनाथ, महाराष्ट्र प्रान्त के नासिक जिले में ब्रह्मगिरि के निकट गोदावरी के किनारे विराजित श्री त्र्यंबकेश्वर, महाराष्ट्र के परभणी के पास परली ग्राम के निकट श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र में हिंगोली जिले में स्थित श्री नागेश्वर, तमिलनाड़ु के रामनाड़ जिले में स्थित श्री रामेश्वर तथा श्री घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग के छायाचित्रों को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। प्रदर्शनी स्थल पर प्राचीन सिक्कों, नारियल से निर्मित शिव प्रतिमा, चावल के दाने पर आकृतियाँ आदि कलाकृतियों के स्टाल के साथ ही धार्मिक पुस्तकों आदि के स्टॉल्स भी लगाये गये हैं। शैव महोत्सव के 6 एवं 7 जनवरी के आयोजन उज्जैन में शैव महोत्सव के अंतर्गत दूसरे दिन 6 जनवरी को चारों पीठों पर पृथक-पृथक प्रातः 9.30 से 11 बजे तक उद्बोधन सत्र रहेगा। इसी प्रकार पूर्वान्ह् 11.15 से 1 बजे तक द्वितीय उद्बोधन सत्र होगा। दोपहर 1 बजे से 2.30 बजे तक महाप्रसादी के बाद अपरान्ह् 3 बजे से शाम 4.30 बजे तक तृतीय उद्बोधन सत्र होगा। चतुर्थ उद्बोधन सत्र का समय शाम 4.45 बजे से सायं 6.30 बजे तक रहेगा। यह सभी उद्बोधन सत्र समस्त चारों व्यास पीठों क्रमश: संतदास उदासीन आश्रम, झालरिया मठ बाह्य हाल, झालरिया मठ आंतरिक हाल तथा श्रीमहाकालेश्वर प्रवचन हाल में समानान्तर रूप से होंगे। महोत्सव के तृतीय एवं अंतिम दिवस 7 जनवरी को प्रातः 9 से 10 बजे तक स्वामी संतदास उदासीन आश्रम नृसिंहघाट पर अनुभव कथन होंगे। इसके बाद सुबह 10.30 बजे से समापन कार्यक्रम होगा।

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