नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। इजरायल की एंटी टैंक मिसाइल स्पाइक को लेकर भारत ने अपने दरवाजे पूरी तरह से बंद नहीं किये हैं। हो सकता है कि दोनों देशों के बीच स्पाइक मिसाइल की खरीद बिक्री के लिए नए सिरे से बातचीत हो। इजरायल इस मिसाइलों का निर्माण भारत के साथ मिल कर करने को तैयार है। माना जा रहा है कि सौदे को बचाने के लिए स्पाइक मिसाइल बनाने वाली इजरायल की कंपनी राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम लिमिटेड ने बेहद आकर्षक प्रस्ताव किया है। संभावना इस बात की है कि भारत पहले के मुकाबले कम स्पाइक मिसाइलें खरीदे।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत व इजरायल के बीच सोमवार को हुई आधिकारिक उच्चस्तरीय वार्ता में पीएम नेतन्याहू ने स्पाइक डील का मुद्दा उठाया। उन्होंने इजरायल का पक्ष रखा, जबकि भारतीय पक्ष ने भी इस सौदे को लेकर अपनी सारी बातें सामने रखी। अभी इस बारे में आगे और विचार विमर्श होगा। इजरायल के पीएम नेतन्याहू के साथ स्पाइक मिसाइल बनाने वाली कंपनी के सीईओ भी भारत आये हुए हैं। उनकी बातचीत भी अलग स्तर पर हुई है। भारत घरेलू तकनीकी पर आधारित एंटी टैंक मिसाइल बनाने का काम तेज कर चुका है, लेकिन सेना में उसके शामिल होने में देरी को देखते हुए स्पाइक पर नए सिरे से विचार किया जा रहा है।
Monday, 15 January 2018
भारत के लिए इजरायल का एंटी टैंक मिसाइल स्पाइक डील का खास प्रस्ताव
नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। इजरायल की एंटी टैंक मिसाइल स्पाइक को लेकर भारत ने अपने दरवाजे पूरी तरह से बंद नहीं किये हैं। हो सकता है कि दोनों देशों के बीच स्पाइक मिसाइल की खरीद बिक्री के लिए नए सिरे से बातचीत हो। इजरायल इस मिसाइलों का निर्माण भारत के साथ मिल कर करने को तैयार है। माना जा रहा है कि सौदे को बचाने के लिए स्पाइक मिसाइल बनाने वाली इजरायल की कंपनी राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम लिमिटेड ने बेहद आकर्षक प्रस्ताव किया है। संभावना इस बात की है कि भारत पहले के मुकाबले कम स्पाइक मिसाइलें खरीदे।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत व इजरायल के बीच सोमवार को हुई आधिकारिक उच्चस्तरीय वार्ता में पीएम नेतन्याहू ने स्पाइक डील का मुद्दा उठाया। उन्होंने इजरायल का पक्ष रखा, जबकि भारतीय पक्ष ने भी इस सौदे को लेकर अपनी सारी बातें सामने रखी। अभी इस बारे में आगे और विचार विमर्श होगा। इजरायल के पीएम नेतन्याहू के साथ स्पाइक मिसाइल बनाने वाली कंपनी के सीईओ भी भारत आये हुए हैं। उनकी बातचीत भी अलग स्तर पर हुई है। भारत घरेलू तकनीकी पर आधारित एंटी टैंक मिसाइल बनाने का काम तेज कर चुका है, लेकिन सेना में उसके शामिल होने में देरी को देखते हुए स्पाइक पर नए सिरे से विचार किया जा रहा है।
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