विजय दिवस सेनाओं के शौर्य और पराक्रम की
वीरगाथा है
'सेनाएँ
सक्षम और हम सुरक्षित' यह
जन-विश्वास कायम रखे-श्री हस्तीमल जी
भारतीय सेनाओं के शौर्य और पराक्रम की वीरगाथा
को आज विजय दिवस के रूप में मनाया गया। जिला सैनिक बोर्ड और भोपाल एक्स सर्विसेस
लीग ने संयुक्त रूप से विजय दिवस का आयोजन स्थानीय सैनिक विश्रामगृह में किया।
कार्यक्रम का प्रारम्भ इस युद्ध के सहभागी पूर्व सैनिक के सम्मान से हुआ।
उल्लेखनीय है कि 3 दिसम्बर से प्रारम्भ भारत-पाक युद्ध
में 13 दिन बाद 16 दिसम्बर, 1971 को भारत ने
विजय प्राप्त की थी। भारतीय सेना के ले. जनरल जे.एस. अरोरा के समक्ष पाक के ले.
जनरल ए.ए.के. नियाजी ने अपने करीब 93
हजार सैनिकों के साथ आत्म-समर्पण किया था। इस युद्ध में अदम्य साहस और अद्भुत
पराक्रम के लिए भोपाल निवासी ब्रिगेडियर के.पी. पाण्डे को महावीर चक्र और एयर वाईस
मार्शन ए.व्ही. पेठिया को वीरचक्र प्रदान किया गया था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री हस्तीमल जी ने
कहा कि हमारे देश और देशवासियों की सुरक्षा तीनों सेनाओं पर है। 'सेनायें सक्षम और हम सुरक्षित'' यह जन-विश्वास सदैव कायम रखें।
उन्होंने कहा कि खतरा बाहरी हो या आन्तरिक, हर मौके पर सेनायें पूरी मुस्तैदी से अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं।
उन्होंने कहा कि हर भारतीय नागरिक को चाहिए कि अपनी सेनाओं और सैनिकों के प्रति
अपनत्व तथा सम्मान का भाव रखें। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
इस अवसर पर राज्य बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष
श्री राघवेन्द्र शर्मा, मेजर
जनरल एस.आर. सिन्हो, एयर
वाईज मार्शल ए.व्ही. पेठिया, वीर
चक्र मेजर जनरल अशोक कुमार, मेजर
जनरल अशोक कुमार, मेजर
जनरल पी.एस. कोन्डल, ब्रिगेडियर
आर.एस. नौटियाल संचालक संचालनालय सैनिक कल्याण मध्यप्रदेश, ब्रिगेडियर आर. विनायक वीएसम, कर्नल एस. कुमार, कर्नल एस.सी. दीक्षित, कर्नल आर.के. बाबा, ब्रिगेडियर सिद्धिकी, कर्नल यशवंत कु सिंह जिला सैनिक कल्याण
अधिकारी, कार्यालय के
कर्मचारी एवं मीडियाकर्मी के अलावा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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