भोपाल गैस त्रासदी की 33वीं बरसीं की
सर्वधर्म प्रार्थना सभा में मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहाँ
सेंट्रल लायब्रेरी में भोपाल गैस त्रासदी की 33वीं बरसी पर
आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा में कहा कि तीन दिसम्बर 1984 की वह रात आज
भी नहीं भूलती, जब हमारा जिन्दा शहर लाशों के ढेर में तब्दील
हो गया था। यह ऐसी त्रासदी थी जिसे भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि हमें यह
विचार करना होगा कि भौतिक प्रगति की दौड़ में हम किस दिशा में जा रहे हैं? प्रगति
की अंधी दौड़ धरती पर जीवन के अस्तित्व को ही खतरे में डाल रही है। श्री चौहान ने
विकास और पर्यावरण में संतुलन बनाने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए कहा कि विकास
के नाम पर पर्यावरण को प्रदूषित करने की प्रवृत्ति पर रोक लगानी होगी। मुख्यमंत्री
ने कहा कि गैस त्रासदी के सभी प्रभावितों के इलाज और पुनर्वास के प्रयास लगातार
जारी हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि संकल्प लें कि अब ऐसी कोई त्रासदी दोबारा नहीं
होने देंगे।
श्री चौहान ने कहा है कि भौतिक प्रगति की चाह
में दुनिया को ऐसा नहीं बनायें कि वह रहने लायक ही नहीं रहे। ऐसी व्यवस्था बनायें
जिससे पर्यावरण और जलवायु नहीं बिगड़े और धरती जहरीली नहीं हो। श्री चौहान ने कहा
कि भोपाल गैस काण्ड में विधवा हुई महिलाओं की पेंशन जारी रहेगी।
प्रार्थना सभा में सनातन, इस्लाम,
सिक्ख,
ईसाई,
जैन,
बौद्ध
तथा बोहरा धर्म के धर्माचार्यों द्वारा पाठ किया गया। गैस त्रासदी में दिवंगतों की
स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी।
कार्यक्रम में सहकारिता एवं गैस राहत (स्वतंत्र
प्रभार) राज्य मंत्री श्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह, पुलिस
महानिदेशक श्री आर.के. शुक्ला, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती गौरी
सिंह और राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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