वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना पर आधारित है हमारी
विदेश नीति - विदेश राज्यमंत्री श्री अकबर
जब लक्ष्य ही जुनून बन जाये तो कुछ भी असंभव
नहीं है - अरूणिमा सिन्हा
केन्द्रीय विदेश राज्यमंत्री श्री एम.जे. अकबर
ने कहा है कि हमारे देश की विदेश नीति ''वसुधैव कुटुम्बकम्'' नीति
पर आधारित है। भारतीय विदेश नीति का मुख्य आधार राष्ट्रीयता व मानवता है। गत साढ़े
तीन वर्षो में देश का जो सम्मान विश्व में बढ़ा है वह उल्लेखनीय है। श्री अकबर
प्रो. बृजमोहन मिश्र स्मृति न्यास द्वारा आयोजित ताप्ती श्रवणमाला 2017
में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
विदेश राज्यमंत्री श्री एम.जे. अकबर ने कहा कि
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में अमेरिका जैसा देश भी भारत को
विश्व में एक बड़ी शक्ति मानने लगा है। गत साढ़े तीन वर्षो में अफगानिस्तान व
बांगलादेश सहित सभी पड़ोसी देशों से भारत के संबंधांे में उल्लेखनीय सुधार आया है।
उन्होंने कहा कि दुनिया में आतंक के खिलाफ लड़ाई सिर्फ राष्ट्रीयता के बल पर ही
जीती जा सकती है। उन्होंने कहा कि आज के युग में अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं का हल
युद्ध से नहीं बल्कि बातचीत से ही संभव है। देश में हिन्दू व मुस्लिमों को आपस में
लड़ने के स्थान पर दोनों को मिलकर गरीबी से लड़ने की आवश्यकता है। विदेश मंत्री ने
कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से देश के गरीबों और महिलाओं को आत्मनिर्भर
बनाने काफी मदद मिली है। उन्होंने कहा कि गरीबों के बैंकों में खाते खोलने तथा
सरकारी योजनाओं की अनुदान राशि सीधे गरीबों के खाते में जमा करने के लिए जनधन
योजना के तहत जीरो बैलेंस पर बैंक में खाते खोलने का एतिहासिक कार्य प्रधानमंत्री
श्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में ही सम्भव हुआ है।
सुश्री अरूणिमा सिन्हा ने बताया कि वर्ष 2011
में
रेल दुघर्टना में अपना एक पैर गवाने के बावजूद उन्हांेने कभी हिम्मत नहीं हारी तथा
ऐसी विपरित परिस्थिति में माउण्ट एवरेस्ट पर चढ़ने का निर्णय उन्होंने अपने खोये
हुए आत्म विश्वास को वापस पाने के लिए लिया था। उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति का
लक्ष्य एक जुनून का रूप ले ले तो उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। सुश्री अरूणिमा
सिन्हा ने कहा कि जब संकंट सामने हो तो रिस्क नहीं लेना ही सबसे बड़ी रिस्क है।
उन्होंने बताया कि माउण्ट एवरेस्ट पर चढ़ने के बाद जब उनका साथी शेरपा उनसे जल्दी
वापस उतरने के लिए कह रहा था कि ऑक्सिजन समाप्त होने वाली है, ऐसी
परिस्थिति में उन्होंने तिरंगा फहराकर वीडियोग्राफी कर अपना संदेश रिकार्ड करवाने
जैसे दुस्साहसिक कदम उठाया, क्योंकि वे इस वीडियो के माध्यम से
दुनिया को संदेश देना चाहती थी कि अगर युवा कुछ करने की ठान लें तो कुछ भी असंभव
नहीं। उन्होंने कहा कि जीवन में सोच, लक्ष्य और फोकस से सब कुछ पाना संभव
है। सुश्री सिन्हा ने कहा कि जीवन में आने वाली परेशानियों से व्यक्ति को अपने
आपको निखारना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब लक्ष्य के लिए लोग आपको पागल कहने लगे तो
समझ लो, लक्ष्य पाने से आपको कोई नहीं रोक सकता। महिला एवं बाल विकास मंत्री
श्रीमती अर्चना चिटनीस ने अतिथियों का स्वागत किया तथा अपने स्वागत उदबोधन में
ताप्ती श्रवणमाला आयोजन के संबंध में विस्तार से बताया।
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