विश्वविद्यालय अब अपनी मर्जी से नहीं शुरु कर
सकेंगे कोई भी कोर्स
विश्वविद्यालय अब अपनी मर्जी से नहीं शुरु कर
सकेंगे कोई भी कोर्सविश्वविद्यालय अब अपनी मर्जी से नहीं शुरु कर सकेंगे कोई भी
कोर्सयूजीसी ने यह निर्देश हाल ही में कुछ चुनिंदा विश्वविद्यालय और डीम्ड
संस्थानों की कराई गई गोपनीय जांच की रिपोर्ट सामने आने के बाद दिया है।
विश्वविद्यालय या कोई भी संस्थान अब अपनी
मनमर्जी से कोई भी कोर्स नहीं चालू कर सकेंगे। इन्हें किसी कोर्स को चालू करने से
पहले यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) की मंजूरी जरुरी होगी। यूजीसी ने
विश्वविद्यालयों या उच्च शिक्षण संस्थानों में बगैर मंजूरी के चल रहे ऐसे सभी
कोर्सो को अमान्य करार देते हुए इन्हें तत्काल बंद करने की सलाह दी है।
यूजीसी ने यह निर्देश हाल ही में कुछ चुनिंदा
विश्वविद्यालय और डीम्ड संस्थानों की कराई गई गोपनीय जांच की रिपोर्ट सामने आने के
बाद दिया है। जिसमें यह खुलासा हुआ है कि देश के कई विश्वविद्यालयों और संस्थानों
में बगैर यूजीसी की अनुमति के भी कुछ कोर्सो का संचालन किया जा रहा है। यूजीसी
सूत्रों की मानें तो यूजीसी ने इस रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है।
हालांकि यूजीसी जब तक इस रिपोर्ट पर सख्ती
दिखाती, उससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने चार डीम्ड संस्थानों द्वारा यूजीसी की
अनुमति के बगैर दूरस्थ शिक्षा के तहत चलाए जा रहे इंजीनियरिंग कोर्स को अवैध
ठहराते हुए इनकी सारी डिग्रियों को अमान्य करार दे दिया।
इसके बाद तो यूजीसी में हड़कंप मच गया। इसी बीच
यूजीसी के सामने अंबेडकर विश्वविद्यालय में संचालित हो रहे कुछ ऐसे कोर्सो की भी
रिपोर्ट सामने आई। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद यूजीसी ने देश भर के सभी
विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी कर बगैर अनुमति के संचालित किए जा रहे कोर्सो को
तत्काल बंद करने को कहा है।
यूजीसी ने यह सख्ती तब दिखाई है, जब
सरकार भी उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए पूरी शिद्दत से जुटी है। इस
दौरान संस्थानों को ऐसे पाठ्यक्रम शुरु करने की भी सलाह दी जा रही है, जो
छात्रों के भविष्य निर्माण में सहायक हो। यूजीसी ने हाल ही में देश भर के करीब
दर्जन भर विश्वविद्यालयों का आडिट कराया है। इसमें बीएचयू, एएमयू, इविवि
और डा हरि सिंह गौर विवि सागर जैसे कई विश्वविद्यालय शामिल है।
छात्रों को डिग्री बहाली का मिलेगा एक मौका,
जून
होगी परीक्षा
दूरस्थ शिक्षा से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने
वाले छात्रों को फिलहाल एआईसीटीई ने अपनी डिग्री को बहाल कराने का एक मौका दिया
है। इसके तहत इन छात्रों को एक टेस्ट देना होगा, जो अब संभवत जून
2018 में होगा। फिलहाल एआईसीटीई ने इस छात्रों से 15
जनवरी तक अपने रजिस्ट्रेशन कराने को कहा है। जो छात्र डिग्री बहाल नहीं कराना
चाहते है, उन सभी की फीस वापस मिलेगी।
एआईसीटीई ने यह सहूलियत उन चार डीम्ड संस्थानों
को दिया है, जिनके दूरस्थ शिक्षा के तहत चलाए जा रहे
इंजीनियरिंग कोर्स को अवैध करार देते हुए उनकी डिग्रियों को निलंबित कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने जिन संस्थानों के खिलाफ यह कार्रवाई की है, उनमें
इलाहाबाद एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट, राजस्थान विद्यापीठ, आईएएसई,
राजस्थान
और वीएमआरएफ तमिलनाडु है।
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