Monday, 27 November 2017

अपने साथ तीस साल बाद माता-पिता का भी करवाया रीयूनियन

अपने साथ तीस साल बाद माता-पिता का भी करवाया रीयूनियन

- विदेशों से आये 84 बैच के कार्मेल स्टूडेंट्स ने की शिरकत


संवाददाता, भोपाल


जिनकी उंगलियां पकड़ कर स्कूल गए उन्हीं के हाथ थामकर अपने स्कूल के दोस्तों को मिलवाने एक लंबे समय बाद सब एकजुट हुए। यादों के पिटारे खुले। जिसके उनके किस्से बच्चों ने भी सुने। 1984 बैच के स्टूडेंट्स ने भी अपने जीवन के पचास वर्ष पूरे कर लिए हैं। ऐसे में उनके लिए यह डबल गोल्डन जुबली सेलिब्रेशन भी रहा। 


तीन पीढ़ियों का हुआ रीयूनियन:







कार्मेल कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल अपना गोल्डन जुबली वर्ष मना रहा है। इस अवसर पर 1984 बैच के करीब 35 स्टूडेंट्स ने अपने परिवार के साथ सोमवार शाम एक अनूठा रीयूनियन किया। उन्हें आपस में जोड़ने में अहम भूमिका निभाने वाले अपने माता-पिता और अपने बच्चों को विशेष तौर पर लेकर वे शामिल हुए। तीनों पीढ़ियों ने आपस में खूब किस्से सुनाये, गीत गाये, डांस किया । मोटेल शिराज़ में आयोजित हुये इस रीयूनियन में ठंड के बीच जलते अलाव और ऑर्केस्ट्रा की मधुर ग़ज़लों-गानों की प्रस्तुतियों के साथ  बीते 33 सालों का सफर की कहानियां भी साझा की गईं। इस अवसर पर 50 वर्ष लिखा हुआ केक भी काटा गया।


जुड़ाव ऐसा कि सात समंदर पार कर आये:







रीयूनियन में शामिल होने के विदेशों में रह रहे 1984 बैच के एलुमिनी भोपाल लौटे। कनाडा से आई नीलिमा दहाता ने बताया कि सोशल मीडिया से  एक्स स्टूडेंट एसोसिएशन सेसा के निमंत्रण पर भोपाल में होने वाले इस गोल्डन जुबली और रीयूनियन का पता चला। सबसे मिलने के उत्साह में अपने सब काम छोड़कर आयी हूँ।  यूएई से आये जीजू कोचुमोन ने अपने पुराने दिनों को याद करने और बचपन के दोस्तों को मिलवाने वे आये हैं। देश के अन्य शहरों शामिल हुए लोगों ने साल में एक बार अपने शहरों में सब दोस्तों के रीयूनियन करने का भी प्रॉमिस किया। सेसा प्रेसीडेंट और आईएएस अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि हम में से अधिकतर साथियों के मातापिता भी आपस में परिचित हैं, पर वे लंबे समय से नहीं मिल पाए। सबने एक दूसरे को सोशल मीडिया पर खोजा और इस रीयूनियन के माध्यम से अपने अभिभावकों को लगभग तीस सालों बाद मिलवाया। यह एक भावुक कर देने वाला क्षण था।




No comments:
Write comments

Recommended Posts × +