भावांतर
भुगतान योजना में किसानों को 15 किमी की दूरी का परिवहन व्यय देगी मण्डी
एक
लाख 12
हजार से अधिक पंजीकृत किसानों द्वारा 32 लाख क्विंटल उपज का विक्रय
निगरानी
के लिये 25
जिलों में वरिष्ठ अधिकारी तैनात
प्रदेश
में भावांतर भुगतान योजना में पंजीकृत किसानों को खरीफ-2017 के लिये चिन्हित 8 जिन्सों को बेचने के लिये अगर खेत से 15 किलोमीटर या इससे अधिक दूरी पर स्थित
कृषि उपज मण्डी/उप मण्डी तक फसल ले जाना पड़ेगा तो उसे प्रति किलोमीटर के आधार पर
परिवहन व्यय मिलेगा। किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग द्वारा आज इस आशय के
विस्तृत निर्देश जारी कर दिये गये हैं। परिवहन दर का निर्धारण जिला कलेक्टर,
क्षेत्रीय
परिवहन अधिकारी तथा जिला स्तर की मण्डी के सचिव की समिति करेगी। परिवहन व्यय की
राशि का भुगतान मण्डी निधि से किया जायेगा।
परिवहन
व्यय के लिये चयनित जिन्सों में सोयाबीन, मक्का, तिल, रामतिल, मूंगफली, मूंग, उड़द और तुअर शामिल हैं। परिवहन व्यय
भुगतान की शर्तें और प्रावधान भी तय कर दिये गये हैं। शर्तों और प्रावधानों में
प्रदेश के अधिसूचित आदिवासी क्षेत्र के जिलों में जिला प्रशासन एग्रीकेटर के तौर
पर ट्रेक्टर-ट्राली/वाहन को अधिकृत करेंगे। अधिसूचित आदिवासी जिलों की सूची सभी
संबंधितों को भेजी गई है।
गैर
आदिवासी क्षेत्रों के जिलों में कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा खुलवाये गये कस्टम
हायरिंग सेन्टर के उपलब्ध ट्रेक्टर-ट्राली/वाहन से परिवहन का भुगतान किया जायेगा।
कस्टम हायरिंग सेंटर की जिलेवार जानकारी कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय की वेबसाइट www.mpdag.org
पर उपलब्ध है।
परिवहन की गई फसल के मण्डी के दस्तावेजों के आधार पर विक्रय का सत्यापन करने के
बाद संबंधित जिला कलेक्टर की समिति द्वारा निर्धारित की गई प्रति किलोमीटर परिवहन
दर से निकटतम मंडी प्रांगण की दूरी का जहाँ फसल बेची गई है, परिवहनकर्ता को व्यय का भुगतान किया
जायेगा।
योजना
की शर्तों में जिले की अन्य निकटवर्ती मण्डी में विक्रय किये जाने पर जिले की
समिति द्वारा तय दर पर भुगतान किया जायेगा। एक बार में एक से अधिक किसानों के
उत्पाद का एक ट्रेक्टर-ट्राली में सम्मिलित रूप से परिवहन किये जाने की स्थिति में
परिवहनकर्ता को अधिसूचित क्षेत्र और गैर-धिसूचित क्षेत्र के जिलों के लिये लागू
शर्तों के तहत परिवहन व्यय का भुगतान होगा। परिवहन व्यय का भुगतान मण्डी समिति
द्वारा परिवहनकर्ता के खाते में डिजिटल पेमेंट के माध्यम से जमा कराया जायेगा।
दो
नवंबर तक प्रदेश के एक लाख 12 हजार से अधिक किसानों ने अपनी 32 लाख क्विंटल उपज का विक्रय अधिसूचित
मंडियों में किया है।
मुख्य
सचिव ने ली बैठक
भावांतर
भुगतान योजना अंतर्गत राज्य शासन द्वारा 25 जिलों के लिए वरिष्ठ
अधिकारियों की डयूटी लगाई गई है। ये अधिकारी उक्त जिलों का भ्रमण कर वहाँ की
मंडियों की व्यवस्था तथा योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करेंगे। ये अधिकारी
समीक्षा में पाई गई कमियों को जिला प्रशासन के माध्यम से दूर करवायेंगे। संबंधित
अधिकारियों की बैठक मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह द्वारा आज ली गई। बैठक में
नामांकित अधिकारियों को योजना के बारे में और निरीक्षण प्रक्रिया के संबंध में
जानकारी दी गई।
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