अनिल माधव दवे को मरणोपरांत ओजोन पुरस्कार

पूर्व पर्यावरण मंत्री दिवंगत अनिल माधव दवे को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम यूएनईपी ने ओजोन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। दवे की इस साल मई में मृत्यु हो गई थी। उन्हें मरणोपरांत राजनीतिक नेतृत्व पुरस्कार दिया गया। अक्तूबर 2016 में किगाली संशोधन पर हस्ताक्षर कराने में उनकी नेतृत्वकारी भूमिका को लेकर उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
वहीं सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरोनमेंट सीएसई के उप निदेशक चंद्र भूषण को किगाली संशोधन के लिए नीति एवं शोधन के लिए सहयोग मुहैया करने को लेकर साझोदारी पुरस्कार दिया गया है।
पर्यावरण मंत्री हर्ष वर्द्धन ने ट्वीटर पर कहा कि भारत के लिए बहुत गर्व की बात है क्योंकि पर्यावरण राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार अनिल माधव दवे को मरणोपरांत ओजोन पुरस्कार दिया गया है। ज्ञात रहे कि जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए करीब 200 देशों के साथ भारत ने पिछले साल रवांडा के किगाली में कानूनी रूप से बाध्यकारी एक समझाौते पर हस्ताक्षर किया था। इससे पहले एचएफसी गैस को चरणबद्ध तरीके से कम करने लिए वार्ता हुई थी।
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