छोटे कारोबारियों को जीएसटी में मिली बड़ी राहत
- 2 लाख तक जेवर खरीदारी में नहीं देना होगा
पैन नंबर
आर्थिक मोर्चों पर कमजोर होती मोदी सरकार ने
शुक्रवार को बड़े निर्णय लिये। सरकार ने जीएसटी की दरों में बदलाव करने का फैसला
ले लिया है। बदलाव का यह फैसला जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया है। यह बैठक नई
दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई। सरकार ने छोटे व्यापारियों को हर महीने रिटर्न
भरने की छूट दी है। परिषद ने कम्पाउडिंग स्कीम के नियमों में बदलाव करते हुए सीमा
बढ़ा दी है। कम्पाउडिंग स्कीम की सीमा 75 लाख से 1 करोड़ कर दी गई है।
साथ ही रिवर्स चार्ज की व्यवस्था को 31
मार्च तक स्थगित कर दिया गया है। डेढ़
करोड़ तक का कारोबार करनेवाले व्यापारी अब हर तीन महीने में रिटर्न भर पाएंगे।
सरकार ने ज्वैलर्स को बड़ी राहत देते हुए 2 लाख तक की खरीददारी पर पैन की छूट दी
है। पहले 50 हजार से ऊपर की खरीददारी पर पैन नंबर जरूरी था। कालेधन पर बनाए गए नए
नियमों के मुताबिक सरकार ने यह फैसला लिया था जिसपर अब ज्वैलर्स को यह छूट दी गई
है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए जानेवाले फैसलों से कारोबारियों को काफी राहत
मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी।
जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले पीएम मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली और बीजेपी
अध्यक्ष अमित शाह के बीच बैठक हुई। इस बैठक में इकोनॉमी में आई सुस्ती को दूर करने
के लिए तात्कालिक उपायों और जीएसटी की विसंगतियों को दूर करने पर चर्चा हुई थी।
तीन महीने में एक सुधार
जीएसटी को लागू हुए तीन महीने बीत चुके हैं और
इस दौरान सरकार को भी इस बात का अहसास हुआ कि जीएसटी की विसंगतियों को दूर किया
जाना जरूरी है। हालांकि प्रधानमंत्री इससे पहले चार्टड अकाउंटेंट्स की एक सभा में
अपने संबोधन में इस बात का जिक्र कर चुके हैं जीएसटी में जो भी विसंगतियां सामने आ
रही हैं सरकार उसे दूर करने का प्रयास कर रही है। पीएम ने कहा था कि हम इसकी
समीक्षा करते हुए इसमें बदलाव भी करेंगे।
रिफंड की समस्या जल्द दूर करेंगे
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि एक्पोर्टर
की धनराशि ब्लॉक हो गई है। जिससे उसे पैसों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
रिफंड की व्यवस्था सामान्य होने में कुछ समय लगेगा। 10 अक्टूबर से जुलाई और 18
अक्टूबर से अगस्त के महीने का रिफंड जांच कर एक्सपोर्टरों को चेक दे दिए जाएंगे।
दीर्धकालीन समाधान के लिए हर एक्सपोर्टर ई-वालेट का बनेगा और एक निश्चित धनराशि
उसे एडवांस रिफंड के लिए दी जाएगी। यह ई-वालेट अप्रेल 2018 तक दे दिया जाएगा।
जीएसटी में बड़े बदलाव
वित्त मंत्री ने कहा, जीएसटी के पैटर्न में कलेक्शन पैटर्न
है उसमें जो बड़े करदाता हैं उनसे सबसे ज्यादा कर आया है। जो मध्यम और छोटे करदाता
हैं उनकी तरफ से कम या शून्य टैक्स आया है। विस्तृत अध्ययन किया है इस बारे में।
जो 94-95 फीसदी टैक्स जो बड़े करदाता से आता है उसका फ्लो बढ़ता रहे। जो मध्यम और
छोटे करदाता है वे टैक्स स्लैव में आते रहें। कंपोजिशन स्कीम का दायरा बढ़ाया गया
है। अब 75 लाख के स्थान पर 1 करोड़ का जिनका टर्न ओवर है वे इसके दायरे में आएंगे।
इसके तहत जो ट्रेडिंग करते हैं वे एक फीसदी टैक्स देंगे, जो निर्माता हैं उन्हें दो फिसदी और जो
रेस्टोरेंट कारोबार में हैं उन्हें 5 फीसदी कर देना होगा। कंपोजिशन स्कीम में तीन
महीने में रिर्टन दाखिल करना होता है। जिनकी डेढ़ करोड़ की टर्न ओवर है वो अब
मासिक रिटर्न के स्थान पर तिमाही रिटर्न दाखिल कर पाएंगे। जीएसटी की काउंसिल के
तहत से जो गु्रप ऑफ मिनिस्टर होगा वह अन्य मुद्दों पर अध्ययन करके रिपोर्ट देगा।
जो रेस्टोरेंट हैं और जो एक करोड़ से कम टर्न ओवर वाले हैं (5 फीसदी के दायरे में
आते हैं), बड़े
एसी वाले रेस्टोरेंट (18 फीसदी टैक्ट) की दरों पर फिर से विचार करने का सुझाव आया
है।
ई वे बिल पूरे देश में लागू होगा
ई-वे बिल कर्नाटक में शुरू हो चुका है। उनका
अनुभव अच्छा रहा है। पहली अप्रैल से इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।जब कोई
रजिस्टर्ड डीलर किसी अन रजिस्टर्ड डीलर से माल खरीदता है तो उस दौरान आने वाली
परेशानियों पर भी चर्चा की गई। सर्विस दाता जिनका टर्न ओवर 20 लाख से कम है।
उन्हें इंटरस्टेट सर्विस टैक्स से हटाया गया है। 24 वस्तुओं पर टैक्स की दरों को
फिर से निर्धारित किया गया है। खाकड़ा 12 से 5, बच्चों के फूड पैकेट 18 से 5, अनब्रांडेड नमकीन 12 से 5 फीसदी, अनब्रांडेड आयुर्वेदिक 18 से 5,पेपर वेस्ट 12 से 5,
रबर वेस्ट, मैनमेड
धागा 18 से 12 किया गया है। इसका टेक्सटाइटल उद्योग पर असर होगा। कोटा स्टोन आदि
को 28 से 18, स्टेशनरी
के आइट्मस 28 से 18, डीजल
इंजन के पार्ट 28 से 18, ई-वेस्ट
28 से 5, सर्विस सैक्टर
में जॉब वर्क 5 फीसदी के दायरे में लाए गए हैं।
जीएसटी में नए बदलाव
- डेढ़ करोड़ तक का कारोबार करनेवाले कारोबारी
को बड़ी राहत
- प्रांरभिक सीमा (थ्रेसहोल्ड लिमिट) एक करोड़
करने पर 28 फीसदी जीएसटी की दर में कमी की जा सकती है
-60 से ज्यादा चीजों के दाम में कटौती संभव
-रत्न-गहनों पर जीएसटी की अधिसूचना वापस ली
-पहले 50 हजार से ऊपर की खरीददारी पर पैनज
जरूरी था
- तीन महीने में जीएसटी रिटर्न भर सकेंगे छोटे
व्यवसायी
No comments:
Write comments