शहरों में पदस्थ प्रोफेसर स्वैच्छा से एक साल
के लिये विकाखण्ड-स्तर पर पढ़ायें
प्रदेश का शिक्षा स्तर गुणवत्तापूर्ण : एक साल
में और बेहतर करने का होगा प्रयास
उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया का मध्यप्रदेश
उच्च शिक्षा परिवार द्वारा सम्मान
उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने
कहा है कि बड़े शहरों में पदस्थ प्रोफेसर स्वैच्छा से एक साल के लिये
विकासखण्ड-स्तर पर पढ़ाने के लिये जायें। श्री पवैया ने यह बात आज मध्यप्रदेश उच्च
शिक्षा परिवार द्वारा आयोजित सम्मान-समारोह में कही। उच्च शिक्षा में नये नवाचार
और छात्र एवं प्राध्यापकों के हित में लिये गये निर्णयों के लिये मध्यप्रदेश उच्च
शिक्षा परिवार ने मंत्री श्री पवैया का सम्मान किया।
मंत्री श्री पवैया ने कहा कि प्रदेश का शिक्षा
का स्तर गुणवत्तापूर्ण है तथा अगले एक साल में और बेहतर करने का निरंतर प्रयास
किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शोध कार्यों की
जरूरत है। ज्ञान के क्षेत्र में शोध के जरिए परिणामी गति से आगे बढ़ना होगा। श्री
पवैया ने कहा कि प्रोफेसर्स को युवाओं को देश और समाज से जोड़ने का काम भी करना
होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को धन से नहीं, बुद्धि से
सम्पन्न बनने की जरूरत है। उन्होंने जिंदगी से आगे कॅरियर को नहीं आने की बात कही।
श्री पवैया ने ब्लू व्हेल गेम का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कॉलेज एवं
विश्वविद्यालय की ओर से गाइड-लाइन जारी करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि
पढ़े-लिखे होने के बाद भी युवाओं में आत्म-हत्या की प्रवृत्ति कैसे मन बना लेती है,
इसे
दूर करना होगा।
मंत्री श्री पवैया ने कहा कि शिक्षक का आचरण,
घटनाएँ,
बातें,
व्यवहार,
स्नेह,
सान्निध्य
और व्यक्तित्व युवाओं तथा समाज को अपनाने को विवश करता है। इसलिये इसका ध्यान रखना
चाहिये। शिक्षक समाज और युवाओं का प्रेरणादाता और आदर्श है। उन्होंने कहा कि शिष्य
और गुरु के बीच सम्मान का भाव बढ़ाने के लिये इस वर्ष 'गुरुवे नम:''
का
कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था।
मंत्री श्री पवैया ने उनके सम्मान के प्रति
कृतज्ञता व्यक्त करते हुए सम्मान को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को
समर्पित किया और कहा कि उनके नेतृत्व में ही उच्च शिक्षा को हम नित नये आयाम दे
रहे हैं। उन्होंने कहा कि सामूहिक भावना से किया गया काम कभी व्यर्थ नहीं जाता।
श्री पवैया ने कहा कि एसोसिएट प्रोफेसर बनने
में छूट गये नामों का भी एक माह में निराकरण होगा। उन्होंने कहा कि लोक सेवा
गारंटी में विद्यार्थियों की सुविधाओं को भी जोड़ा गया है। श्री पवैया ने कहा कि
कोर्ट केस के कुछ प्रकरण नियमों के अभाव में अस्पष्टता के कारण लम्बित रहते हैं।
इसके निराकरण के लिये एक माह में नियम बनाने का काम करने का प्रयास किया जा रहा
है।
अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री बी.आर. नायडू
ने मंत्री श्री पवैया का व्यक्तित्व प्रेरणादायी बताते हुए कहा कि उनसे हमें ऊर्जा
प्राप्त होती है। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि आपका आचरण समाज में उदाहरण बने,
ऐसा
प्रयास करें। आयुक्त उच्च शिक्षा श्री नीरज मण्डलोई ने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता,
अनुशासन
और शिक्षा क्षेत्र में छात्रों के प्रदर्शन से प्रदेश देश में अग्रणी होगा।
कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालय/महाविद्यालय के कुलपति, कुल
सचिव, प्राचार्य, प्राध्यापक मौजूद थे।
मंत्री श्री पवैया का शॉल-श्रीफल से सम्मान कर
सम्मान-पत्र का वाचन किया गया। कार्यक्रम के अंत में स्मृति-चिन्ह भी दिये गये।
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