भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संबंध विश्व राजनीति का निर्धारण करेंगे-राज्यपाल कोहली
भारत आसियान यूथ समिट का समापन समारोह आज राज्यपाल ओ.पी. कोहली की अध्यक्षता और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र की यूथ एन्वाय सु जयथमा विक्रमानायके विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थी। होटल जहाँनुमा में आयोजित इस कार्यक्रम में ब्रुनेई, कम्बोडिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलिपिन्स, सिंगापुर, थाईलैण्ड, वियतनाम और मेजवान देश भारत के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। इस अवसर पर भोपाल यूथ डिक्लेरेशन भी जारी किया गया।
इंडिया आसियान यूथ समिट के समापन अवसर पर राज्यपाल ओमप्रकाश कोहली ने कहा कि मध्यप्रदेश का दक्षिण पूर्व के देशों के साथ बहुत प्राचीन संबंध रहा है। साँची विभिन्न देशों के बीच शांति और सदभाव का प्रतीक है। भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के बीच 2000 साल से भी पुराने सांस्कृतिक, व्यापारिक, आध्यात्मिक और वैचारिक संबंध हैं। यह संबंध युद्ध या हार-जीत के कारण विकसित नहीं हुआ बल्कि इसका आधार परस्पर प्रेम और अन्य मानवीय आवश्यकताएँ रही। आज मलेशिया, सिंगापुर आदि देशों में भारतीय मूल के लोग बड़ी तादाद में है। भारत और दक्षिण पूर्व देशों के बीच सिर्फ साझा सांस्कृतिक और सभ्यता की विरासत ही नहीं है बल्कि इसका संबंध देशों की सुरक्षा, क्षेत्र में शांति, स्थायित्व और समृद्धि से भी है।
कोहली ने कहा कि भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश बनकर उभरा है। आसियान देशों के लिये भारत के साथ मिलकर अपने आर्थिक स्थिति में सुधार के अभूतपूर्व अवसर उपलब्ध हैं। किसी भी देश के विकास में युवाओं की भूमिका सबसे अधिक महत्वपूर्ण होती है। भारत आज दुनिया भर में युवा-शक्ति के बल पर अपनी श्रेष्ठता का परचम लहरा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि अब यह जरूरी हो गया है कि भारत और आसियान देशों के युवाओं के बीच परस्पर सम्पर्क होते रहे। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हमारे 2000 साल पुराने संबंध नई ऊँचाइयों को प्राप्त करेंगे और हम लोग मिलकर विश्व में शांति और सदभाव बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। राज्यपाल कोहली ने 'वायब्रैंट इंडो-आसियान लीडरशिप' नामक पुस्तक का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यूथ समिट के प्रतिनिधियों का अभिवादन करते हुए कहा कि बदलाव की सर्वाधिक क्षमता युवा वर्ग में है। गौतम बुद्ध के विचारों में युवावस्था में आये परितर्वन ने सम्पूर्ण विश्व को नई दिशा दी। उनके मध्य मार्ग के सिद्धांत का सार्वभौमिक और सर्वकालिक प्रभाव है। वर्तमान में शासन संचालन और नीति निर्माण तथा सतत् विकास के लक्ष्यों के संबंध में युवाओं की महत्ती भूमिका है। युवाओं को तर्क करने और योजनाओं के क्रियान्वयन में सहभागिता करने निर्णय प्रक्रिया में भाग लेने के बहुत मौके उपलब्ध हैं। स्वराज ने गौतम बुद्ध को उद्घृत करते हुए कहा कि ' शांति से बड़ा कोई वरदान नहीं है। युवा वर्ग विश्व को सतत् शांति और विकास की दिशा में अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भोपाल यूथ डिक्लेरेशन आसियान देशों की भविष्य की मैत्री और परस्पर प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा।
इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र की यूथ एन्वाय सु जयथमा विक्रमानायके ने अपने संबोधन में कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्य की सफलता आसियान देशों में इन लक्ष्यों के सफल क्रियान्वयन पर निर्भर करती है। भारतीय युवा की सृजन, नवाचार और पहल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कौशल और क्षमता विकास की दिशा में हो रहे प्रयास से क्षेत्र में प्रगति के नये आयाम अर्जित होंगे। समापन अवसर पर विदेश मंत्री स्वराज ने विदेशी प्रतिनिधियों के सम्मान में भोज दिया।
इंडिया आसियान यूथ समिट के समापन अवसर पर राज्यपाल ओमप्रकाश कोहली ने कहा कि मध्यप्रदेश का दक्षिण पूर्व के देशों के साथ बहुत प्राचीन संबंध रहा है। साँची विभिन्न देशों के बीच शांति और सदभाव का प्रतीक है। भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के बीच 2000 साल से भी पुराने सांस्कृतिक, व्यापारिक, आध्यात्मिक और वैचारिक संबंध हैं। यह संबंध युद्ध या हार-जीत के कारण विकसित नहीं हुआ बल्कि इसका आधार परस्पर प्रेम और अन्य मानवीय आवश्यकताएँ रही। आज मलेशिया, सिंगापुर आदि देशों में भारतीय मूल के लोग बड़ी तादाद में है। भारत और दक्षिण पूर्व देशों के बीच सिर्फ साझा सांस्कृतिक और सभ्यता की विरासत ही नहीं है बल्कि इसका संबंध देशों की सुरक्षा, क्षेत्र में शांति, स्थायित्व और समृद्धि से भी है।
कोहली ने कहा कि भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश बनकर उभरा है। आसियान देशों के लिये भारत के साथ मिलकर अपने आर्थिक स्थिति में सुधार के अभूतपूर्व अवसर उपलब्ध हैं। किसी भी देश के विकास में युवाओं की भूमिका सबसे अधिक महत्वपूर्ण होती है। भारत आज दुनिया भर में युवा-शक्ति के बल पर अपनी श्रेष्ठता का परचम लहरा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि अब यह जरूरी हो गया है कि भारत और आसियान देशों के युवाओं के बीच परस्पर सम्पर्क होते रहे। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हमारे 2000 साल पुराने संबंध नई ऊँचाइयों को प्राप्त करेंगे और हम लोग मिलकर विश्व में शांति और सदभाव बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। राज्यपाल कोहली ने 'वायब्रैंट इंडो-आसियान लीडरशिप' नामक पुस्तक का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यूथ समिट के प्रतिनिधियों का अभिवादन करते हुए कहा कि बदलाव की सर्वाधिक क्षमता युवा वर्ग में है। गौतम बुद्ध के विचारों में युवावस्था में आये परितर्वन ने सम्पूर्ण विश्व को नई दिशा दी। उनके मध्य मार्ग के सिद्धांत का सार्वभौमिक और सर्वकालिक प्रभाव है। वर्तमान में शासन संचालन और नीति निर्माण तथा सतत् विकास के लक्ष्यों के संबंध में युवाओं की महत्ती भूमिका है। युवाओं को तर्क करने और योजनाओं के क्रियान्वयन में सहभागिता करने निर्णय प्रक्रिया में भाग लेने के बहुत मौके उपलब्ध हैं। स्वराज ने गौतम बुद्ध को उद्घृत करते हुए कहा कि ' शांति से बड़ा कोई वरदान नहीं है। युवा वर्ग विश्व को सतत् शांति और विकास की दिशा में अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भोपाल यूथ डिक्लेरेशन आसियान देशों की भविष्य की मैत्री और परस्पर प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा।
इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र की यूथ एन्वाय सु जयथमा विक्रमानायके ने अपने संबोधन में कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्य की सफलता आसियान देशों में इन लक्ष्यों के सफल क्रियान्वयन पर निर्भर करती है। भारतीय युवा की सृजन, नवाचार और पहल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कौशल और क्षमता विकास की दिशा में हो रहे प्रयास से क्षेत्र में प्रगति के नये आयाम अर्जित होंगे। समापन अवसर पर विदेश मंत्री स्वराज ने विदेशी प्रतिनिधियों के सम्मान में भोज दिया।
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