आनोखी है इस महिला समिति के गणेशजी की झांकी
-बच्चों को दिलवाया आईएएस से मार्गदर्शन, एकल परिवारों को जोड़ा बुुजुर्गों से
-पांच साल से बीस महिलाओं के समूह ने जोड़े रखा है दो सौ से ज्यादा परिवार को
संवाददाता,भोपाल।
एक
ओर जहां भगवान गणेश की वंदना के लिए झांकी स्थापना के साथ ही पूरा शहर
गणेशोत्सव हर्षोल्लास के साथ मना रहा है। भक्ति के लिए भजन सहित अनेकों
आयोजन भी किए जा रहे हैं। वहीं इस उत्सव में एक झांकी ऐसी भी बिठाई गई है
जिसमें समाजिक सरोकारोे को केंद्र में रखा गया है। और रोचक बात यह है कि
इसके संचालन की जिम्मेदारी पूरी तरह महिलाओं की समिति निभा रही है। यह अपने
प्रकार की पहली झांकी है जो महिलाओं द्वारा गठित समिति द्वारा संचालित
होती है।
महिलाओं को आगे लाना भी जरुरी:
एयरपोर्ट
रोड स्थित इंद्र विहार कॉलोनी की बाल गणेश उत्सव महिला समिति का संचालन
पूरी तरह से महिलाएं करती हैं। सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में टीचर व समिति
की अध्यक्ष मौली बोस ने बताया कि पांच साल पूर्व गठित इस समिति का संचालन
बीस महिलाएं करतीं हैं। इसमें चंदा लेने से लेकर सभी दिनों की गतिविधियों
की व्यवसा महिलाएं ही संभालती हैं। शुरुआत में हम दस महिलाओं ने अपनी बचत
के रुपये लगाकर उद्देश्य आधारित आयोजन शुरु किया। अब करीब आसपास के दौ सौ
परिवार के सदस्य इस झांकी में सहयोग करते हैं। शुरुआत में महिलाओं को इस
प्रकार के आयोजन करने में हिचक महसूस होती थी। अब वे आगे आकर एक बड़े परिवार
के रुप में इसका आयोजन कर रहीं हैं। आज जब लोग अपने पड़ोसी को सही से जानते
हैं वहीं हम सब इस आयोजन के कारण एक परिवार के रुप में मिलजुलकर भी रह रहे
हैं। मनोरंजन के साथ कई समस्याओं का हल यहीं मेलजोल से निकल जाता है।
आईएएस और अफसर दे रहे मार्गदर्शन:
इस
झांकी में आम झांकियों से हटकर आयोजन किए जाते हैं। युवा पीढ़ी को
मार्गदर्शन देने के लिए उच्च अधिकारियों को भी बुलाया जाता है। बीती शाम
आईएएस श्रीमति अनुभा श्रीवास्तव ने झांकी में करीब ढाई घंटे बिताए। इस बीच
उन्होंने वहां मौजूद सभी बच्चों से बात करने के साथ सफलता के मूलमंत्र भी
बताए। आईएएस श्रीवास्तव ने बताया कि बालगंगाधर तिलक द्वारा शुरु कि गये
गणेशोत्सव का प्रमुख उद्देश्य सामाजिक चेतना व जागरुकता भी था। यह महिलाओं
द्वारा किया गया एक अच्छा प्रयास है। मुझे संवाद कर मार्गदर्शन देने का
सुझाव अच्छा लगा। समिति में पदाधिकारी व डिस्ट्रिक्ट टीबी सेंटर में लैब
टेक्नीशियन शोभा पांडे ने बताया कि एमपीईबी की चीफ जनरल मैनेजर श्रीमति
रीकू दास बच्चों के साथ बेहतर प्रबंधन पर ज्ञानवर्धन करेंगी। हमने बच्चों
को जानलेवा आॅनलाइन खेल से बचने और अपने दोस्तों को भी बचाने के तरीके को
विषय बनाया है।
ताकि बुजुर्गों को मिले स्रेह और कॉलोनी बने परिवार:
समिति
की महिला सदस्य रिया तोलानी ने बताया कि चंदा लेते वक्त हमने घरों में
बुजुर्गों के बारे में भी जानकारी ली। उनके हाल चाल लेने के साथ यहां रह
रहे एकल परिवार को भी उनके करीब लाने की कोशिश की है। बुजुर्गों, बच्चों और
एकल परिवारों के भीतर व्याप्त तनाव को दूर करने के लिए कार्यक्रम आयोजित
करते हैं। सदस्य माला हसानी ने बताया कि यहां झांकी में चंदा कलेक्शन से
लेकर आरती,सजावट,कार्यक्रम, भजन-कीर्तन,प्रसाद वितरण,भंडारा, प्राइज
डिस्ट्रीब्यूशन आदि का काम महिलाएं ही करतीं हैं।
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