हेती सरकार ने 20 साल बाद अपनी सेना को दोबारा तैयार करने का फैसला लिया है.
प्राकृतिक
आपदा और सीमाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये लैटिन अमरीका देश 500
पुरुष और महिलाओं को सेना में भर्ती करना चाहता है.
रक्षा मंत्रालय
की तरफ से एक बयान में कहा गया है कि 18 से 25 वर्ष के युवक-युवतियां
जिन्होंने माध्यमिक शिक्षा की परीक्षा पास कर ली है वे सेना की भर्ती में
शामिल हो सकती हैं.
इस साल अक्तूबर में संयुक्त राष्ट्र मिशन हेती
से रवाना हो जाएगा, इसी को ध्यान में रखते हुए हेती सरकार भर्ती प्रक्रिया
शुरू कर रही है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अप्रैल में कहा था कि वे
हेती से अपने सुरक्षा बलों को वापस बुला रहे हैं. हालांकि हेती पुलिस की
मदद के लिए कुछ पुलिसकर्मी वहां मौजूद रहेंगे.
संयुक्त राष्ट्र की
इस घोषणा के बाद हेती में यह चर्चा ज़ोर पकड़ने लगी कि क्या उसे अपनी सेना
तैयार करनी चाहिए. कई राजनीतिज्ञों ने इस बात का यह कहते हुए समर्थन किया
कि इससे युवाओं को रोज़गार मिलेगा.
वहीं दूसरी तरफ सरकार के आलोचकों
ने सेना के राजनीतिकरण का ख़तरा बताते हुए इस कदम को नकारा है. उनका कहना
है कि सेना राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के हाथों का खिलौना बन कर रह जाएगी.
हेती
का इतिहास भी इसकी गवाही देता है. फ्रांसियोस 'पापा डॉक' डुवेलियर द्वारा
1950 में शुरू हुआ पारिवारिक राजवंश 29 साल तक हेती पर राज करता रहा, इस
दौरान उन्होंने एक निजी सेना टोनटोन मेकोट्स के जरिए राज किया. यह निजी
सेना अपनी बर्बरता के लिए जानी गई.
1986 में जब डुवेलियर का बेटा जीन क्लाउड फ्रांस भाग गया, तब सेना के हाई कमांड ने सत्ता को अपने हाथों में ले लिया.
1991
में हेती के पहले लोकतांत्रिक रूप से चुने गए राष्ट्रपति जीन बर्टांड
एरिस्टीड को भी सैन्य तख्तापलट का सामना करना पड़ा. इसके बाद सेना और
अर्धसैनिक बलों ने 3 साल तक हेती की जनता पर बहुत अत्याचार किए जिसमें 4000
से ज्यादा लोगों की मौत हुई.
यह भी दिलचस्प है कि कई अंतरराष्ट्रीय
दानदाता देशों ने हेती की राष्ट्रीय पुलिस को तैयार करने में कई बिलियन
डॉलर खर्च किए हैं, जिसकी मदद से इस समय हेती के पास 15,000 ट्रेंड पुलिस
सदस्य हैं. विपक्ष इस पुलिस बल को ही और अधिक मजबूत करने पर बल दे रहा है.
वहीं हेती के नेताओं का मानना है कि सेना की मदद प्राकृतिक आपदाओं में ली जाएगी साथ ही इससे स्मगलिंग रोकने में भी मदद मिलेगी.
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