Thursday, 25 May 2017

स्मार्टफोन धांधली : रातों रात बदला वेबसाइट का डाटा

 
स्मार्टफोन धांधली : रातों रात बदला वेबसाइट का डाटा 
स्मार्टफोन बाँटने में भी हुई धांधली गर्ल्स कॉलेज में बांटे गए लड़को को फोन धांधली छुपाने रातों रात बदला वेबसाइट का डाटा विचार मध्यप्रदेश के कोर कमिटी सदस्य अक्षय हुँका ने 19 मई को प्रेस विज्ञप्ति जारी [Annexure 1] करके #SmartPhoneScam का खुलासा किया था। इसमें सबसे बड़ा सवाल यह था कि फोरस्टार टेक्नो सोलूशन्स प्राइवेट लिमिटेड नामक "जीरो टर्नओवर" की कंपनी को 3.75 लाख मोबाइल का कॉन्ट्रैक्ट कैसे मिल गया? #SmartPhoneScam के मुद्दे पर उच्च शिक्षा विभाग का मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया और साइंस एवं टेक्नोलॉजी मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता एक दूसरे के विभाग पर दोषणरोपण करते दिख रहे हैं पर इसकी जिम्मेदारी कोई लेने को तैयार नहीं है। आज विचार मध्यप्रदेश के द्वारा इस सम्बन्ध में भोपाल के रवींद्र भवन स्थित अप्सरा रेस्टोरेंट में प्रेस वार्ता आयोजित की गयी। प्रेस वार्ता को आजाद सिंह डबास, विजय वाते, अक्षय हुँका, अजय दुबे, विनायक परिहार और विक्रांत राय ने सम्बोधित किया। #SmartPhoneScam केवल काम अयोग्य कंपनी को देने तक सीमित नहीं है, बल्कि स्मार्टफोन को बांटे जाने में भी बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। टेंडर में स्मार्टफोन बांटने सम्बन्धी प्रक्रिया के अनुसार जिस विद्यार्थी को मोबाइल दिया जाता है उसकी मोबाइल के बॉक्स समेत फोटो लेकर मध्यप्रदेश हायर एजुकेशन की वेबसाइट पर अपलोड करना था। जब विचार मध्यप्रदेश ने उन लिस्ट को वेबसाइट पर चेक किया तो पता चला कि पूरे प्रदेश के कई गर्ल्स कॉलेज में कई लड़कों के फोटो स्मार्टफोन के साथ लगे हैं। गर्ल्स कॉलेज में छात्र नहीं हो सकते हैं, फिर भी कई गर्ल्स कॉलेज में ऐसे कई फोटो दिखाई दिए। यह वेबसाइट पर 2 मई को चेक किया गया था। 19 मई को विचार मध्यप्रदेश द्वारा रिलीज़ की गयी प्रेस विज्ञप्ति के तुरंत बाद छात्रों के फोटो बदलकर छात्राओं के फोटो वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए। 20 मई को वेबसाइट पर पुनः यह जानकारी एकत्र करने पर पता चला कि वेबसाइट पर डाटा बदला जा चुका है। वेबसाइट पर फोटो अपलोड करने का समय पुराना ही डला था। स्पष्ट तौर पर न सिर्फ स्मार्टफोन बाँटने में धांधली हुई बल्कि उसको छुपाने के लिए वेबसाइट के डाटा को भी रातों रात बदला गया। 2 मई को उस डाटा में से एक छात्र का फोटो और बाद में 20 मई को बदल कर लगाया गया छात्रा का फोटो [Annexure 2] में संलग्न है। सभी प्रकार की गड़बड़ों को छुपाने के लिए हायर एजुकेशन की वेबसाइट को पिछले 2 दिनों से पूरी तरह से बंद कर दिया गया है [Annexure 3]। अक्षय हुँका ने बांटें जा रहे स्मार्टफोन का डेमो भी दिखाया। जिस फ़ोन से डेमो दिया गया वह फ़ोन मार्च 2017 के आखिरी सप्ताह में दिया गया था और यह 2 माह से भी कम पुराना है। इस डेमो को दिखाने के पहले मोबाइल को "फैक्ट्री डाटा रिसेट" किया गया, ताकि फ़ोन फैक्ट्री से आये फ़ोन की तरह configure हो सके। मोबाइल में पढ़ाई से सम्बंधित कोई भी एप्लीकेशन प्री-इन्सटाल्ड नहीं थी। डेमो के दौरान फोन पर होम बटन काम नहीं कर रहा था, कहीं पर भी क्लिक करने पर कहीं और क्लिक हो जा रहा था, ऍप्लिकेशन्स को खोलना बहुत मुश्किल हो रहा था, कीबोर्ड पर कुछ भी टाइप करना लगभग असंभव सा था। कुल मिलकर फ़ोन बिलकुल भी उपयोग करने लायक नहीं है। स्पष्ट तौर पर न सिर्फ एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए नियम विरुद्ध टेंडर दिया गया बल्कि साथ ही मोबाइल बाँटने में भी भारी गड़बड़ की गयी और जो मोबाइल बांटे भी गए हैं उनकी क्वालिटी बहुत ही खराब है। इस घोटाले का पूरा खामियाजा सिर्फ और सिर्फ विद्यार्थियों को उठाना पड़ा और वे अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। विचार मध्यप्रदेश मांग करता है कि: (1) टेंडर में हुए घोटाले और फ़ोन बाँटने में हुई धांधली की उच्च स्तरीय समिति द्वारा जांच की जाए और दोषियों को सख्त सजा दी जाए। (2) नए फ़ोन बाँटने तुरंत प्रभाव से बंद किये जाएँ तथा उसकी कीमत के बराबर राशि उनके अकाउंट में दी जाएँ। (3) जिन छात्रों को फ़ोन बांटे जा चुके हैं उनसे फ़ोन वापस लेकर उसकी कीमत के बराबर राशि उनके अकाउंट में दी जाएँ। (4) वेबसाइट को तुरंत शुरू किया जाए। यदि इस घोटाले की जांच 15 जून तक प्रारम्भ नहीं की गयी तो इसके खिलाफ EoW में शिकायत की जायेगी।





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