Friday, 12 May 2017

दुनिया मुझे बेस्ट लवर मानती है पर मैं हूँ नहीं

दुनिया मुझे बेस्ट लवर मानती है पर मैं हूँ नहीं

बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख़ ख़ान ने ये बात मशहूर 'टेड टॉक' शो में कही. 17 मिनट के संबोधन में उन्होंने प्यार और इंसानियत पर अपनी बात रखी. इसके लिए बीच-बीच में उन्होंने अपनी ज़िंदगी की घटनाओं का बख़ूबी इस्तेमाल किया.
ये टेड टॉक कनाडा के वैनकूवर कनवेंशन सेंटर में हुई और अब इसका वीडियो रिलीज़ किया गया है. इस शो में शाहरुख़ ने जो कहा, उसके चुनिंदा हिस्से आपको पढ़वाते हैं:
मैं और इंसानियत
मैं 51 साल का फिल्मी सितारा हूं और मैं अब तक 'बोटॉक्स' का इस्तेमाल नहीं करता. लेकिन जैसा आपने देखा है, मैं अपनी फिल्मों में 21 साल के लड़के की तरह बर्ताव करता हूं. मैं सपने बेचता हूं और भारत में उन लाखों लोगों का प्यार पाता हूं, जिन्होंने मान लिया है कि मैं दुनिया का सर्वश्रेष्ठ प्रेमी हूं.
अगर आप किसी को न बताएं, तो मैं आपको बताता हूं कि मैं वो नहीं हूं, लेकिन इस मान्यता को मैंने कभी ख़ुद से दूर नहीं जाने दिया.
यहां बहुत सारे लोग हैं, जिन्होंने मेरा काम नहीं देखा है और मैं आपके लिए दुखी हूं. (ठहाकों के बीच).
जब मेरे पिता की मौत हुई, मैं 14 साल का था. मैंने उनकी लाश गाड़ी की पिछली सीट पर रखी. मां मेरे साथ थीं और मैं गाड़ी चलाकर अस्पताल से वापस आने लगा. और रोते हुए मां ने मेरी तरफ देखा और कहा कि बेटे तुमने गाड़ी चलाना कब सीखा. मैंने कहा, 'बिल्कुल अभी'. उस रात से मैंने सर्वाइव करने के तरीक़े सीखने शुरू किए.
चार साल पहले मेरी पत्नी और मैंने तय किया कि हमें तीसरा बच्चा चाहिए. इंटरनेट पर दावा किया गया कि वह हमारे 15 साल के पहले बच्चे का बेटा था. उसने रोमानिया में एक लड़की की कार चलाते हुए यह बीज बो दिया था. और हां, इसके साथ एक फ़र्ज़ी वीडियो भी था. और हम एक परिवार के तौर पर बहुत दुखी थे.
मेरा बेटा जो अब 19 साल का है, आप उसे 'हेलो' भी कहेंगे तो वह पलटकर कहेगा, 'लेकिन ब्रो, मेरे पास यूरोप का ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था.'
सोशल मीडिया रिएक्शन पर
मैंने सोशल मीडिया पर अपनी पहचान सही करने की कोशिश की, जैसा बाक़ी लोग करते हैं. मैं दार्शनिक ट्वीट्स करने लगा लेकिन कुछ बहुत कंफ्यूज करने वाले जवाब मिले, जिनका मतलब मैं नहीं समझ पाया. जैसे आरओएफएल (ROFL), लोल (LOL).
किसी ने मुझे लिखकर भेजा 'एडिडास' (ADIDAS). मैं सोच रहा था कि आप मुझे किसी जूते का नाम क्यों लिखोगे? मैंने अपनी 16 साल की बेटी से पूछा तो उसने मेरा ज्ञान बढ़ाया. एडिडास (ADIDAS) का मतलब है, 'ऑल नाइट आई ड्रीम अबाउट सेक्स' यानी 'सारी रात मैं सेक्स के सपने देखता हूं.'
मैंने उसे जवाब दिया 'डब्ल्यू टी एफ.' इस बात का चुपचाप शुक्र मनाते हुए कि कुछ शॉर्ट फॉर्म कभी नहीं बदलेंगी.

प्रेम पर
इस प्राचीन धरती के लोगों ने मुझे असीम प्यार दिया है और मैंने इन लोगों से सीखा है कि ताकत या ग़रीबी आपकी ज़िंदग़ी को ज़्यादा जादुई या कम पेचीदा नहीं बना सकती. मैंने अपने देश के लोगों से सीखा है कि ज़िंदगी की गरिमा, एक इंसान, एक संस्कृति, एक धर्म, एक देश दरअसल अपनी इनायत और करुणा की क्षमता में बसता है.
मैंने सीखा कि जो वो चीज़ जो आपको आगे बढ़ने का जज़्बा देती है, आपको नाकाम होने से बचाती है, सर्वाइव करने में आपकी मदद करती है, वो इंसानियत का शायद सबसे पुराना और सबसे सरल जज़्बात है. और वह प्यार है. मेरी धरती के एक कवि ने लिखा है
पोथी पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय
मैं मानता हूँ कि भविष्य भी ऐसा ही होना चाहिए जहाँ प्यार हो. 

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