नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला, सातवें वेतनमान पर लगी मुहर
बिहार में राज्य कर्मियों को केंद्र के समान सातवां वेतनमान दिया जायेगा. नीतीश कैबिनेट ने आज बड़ा फैसला लेते हुए सातवें वेतनमान पर मुहर लगा दी है. राज्य कर्मियों को 1 अप्रैल, 2017 से सातवें वेतनमान का लाभ मिलेगा. इससे पहले राज्य वेतन आयोग ने सोमवार को सातवें वेतनमान पर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंप दी थी. आयोग के अध्यक्ष पूर्व मुख्य सचिव जीएस कंग ने यह रिपोर्ट 1, अणे मार्ग स्थित संकल्प में मुख्यमंत्री को सौंपी थी. आज कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगा दी गयी. जिसके बाद बिहार के कर्मचारियों का मौजूदा बेसिक वेतन बढ़ कर 2.57 गुना हो जायेगाइसका लाभ राज्य के कार्यरत नियमित 4.50 लाख कर्मचारियों और सेवानिवृत्त 3.50 लाख कर्मचारियों को मिल सकेगा. जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान ही राज्य के नियमित कर्मचारियों को वेतनमान का लाभ दिया जायेगा. उन्हें उनके वर्तमान बेसिक के हिसाब से ही लाभ मिलेगा. नीतीश कैबिनेट की आज संपन्न हुई बैठक में इसको मंजूरी मिल गयी है.
5000 करोड़ का अतिरिक्त बोझ
सातवां वेतनमान का लाभ देने से राज्य सरकार के खजाने पर सालाना करीब पांच हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. फिलहाल राज्य सरकार हर माह वेतन-पेंशन मद पर 2200 करोड़ रुपये खर्च करती है. अब उसे हर माह करीब 416 करोड़ रुपये अधिक खर्च करेंगे पड़ेंगे.
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