महंत कमलगिरि तिलक लगाकर नर्मदा शुद्धिकरण का दे रहे हैं संदेश
'नमामि देवि नर्मदे'- सेवा यात्रा सोमवार को अनूपपुर जिले के कछराटोला से रवाना हुई। यात्रा में खरगोन जिले के महेश्वर निवासी
महंत कमल गिरि सभी उपस्थित ग्रामीणों को त्रिपुंड तिलक लगाकर नर्मदा को
प्रदूषणमुक्त और स्वच्छ बनाने का संदेश दे रहे थे। उन्होंने बताया कि 2 माह
पूर्व 4 मार्च को जब यात्रा महेश्वर पहुँची थी, तभी से वे यात्रा के साथ
लगातार अपनी होंडा एक्टिवा दुपहिया वाहन से चल रहे हैं। अब तक नर्मदा तट के
लगभग एक दर्जन जिलों के हजारों ग्रामीणों को तिलक लगाकर नर्मदा नदी
संरक्षण के लिए प्रेरित कर चुके हैं।
महंत
कमल गिरि ने बताया कि वे महेश्वर से एक हजार रुपए और अपनी बेटी का दुपहिया
वाहन लेकर यात्रा में शामिल हुए थे। तभी से यात्रियों को चंदन व रोली का
त्रिपुंड व ओम के आकार का तिलक लगा रहे हैं। इनमें से कुछ यात्री दक्षिणा
भी दे देते हैं, जिससे वाहन के ईंधन का खर्चा निकल आता है। महंत ने बताया
कि वे नर्मदा तट पर महेश्वर में जन्म से ही रह रहे हैं तथा वहाँ स्थित माँ
सातमात्रा मंदिर में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।
माँ
नर्मदा के प्रति बचपन से ही अगाध श्रद्धा होने हमेशा से ही वे सोचते थे कि
नर्मदा नदी के शुद्धिकरण व प्रदूषणमुक्ति के लिए कुछ किया जाय। वे बताते
हैं कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नर्मदा सेवा यात्रा
प्रारंभ कर ऐतिहासिक कार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि नर्मदा सेवा
यात्रा ग्रामीणजनों को नदी, पर्यावरण और जल-संरक्षण, बेटी बचाओ और
नशामुक्ति के प्रति जागरूक करने का बहुत अच्छा माध्यम बन गई है। इसीलिए
उन्होंने भी इस जन-आंदोलन में स्व-प्रेरणा से अपनी भागीदारी देने का फैसला
लिया। हायर सेकेण्डरी तक पढ़े कमल गिरि पहले इंदौर में फिल्म रील डिस्पेच का
कार्य करते थे। उन्होंने बताया कि पूर्व में मेरी माता जी माँ सातमात्रा
मंदिर में पूजा का कार्य करती थीं। उनकी मृत्यु के बाद नर्मदा तट पर माँ
सातमात्रा मंदिर में सेवाएँ देने की ठान ली। महंत कमल गिरि ने बताया कि
इससे पूर्व उज्जैन सिंहस्थ और इलाहाबाद के कुंभ मेले में भी लाखों
श्रद्धालुओं को आकर्षक तिलक लगाने का कार्य भी वे कर चुके हैं।

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