Monday, 8 August 2016

दलित मुद्दे पर संसद में हंगामा, कांग्रेस का वॉकआउट

दलित मुद्दे पर संसद में हंगामा, कांग्रेस का वॉकआउट

कथित गोरक्षकों द्वारा दलितों पर अत्याचार के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान से असंतुष्ट विपक्ष ने सोमवार को सदन में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर लोकसभा से वॉकआउट भी किया। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों के सदस्यों ने प्रधानमंत्री से सदन में बयान देने की मांग करते हुए न केवल अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी की बल्कि बाद में कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वॉकआउट भी कर दिया।लोकसभा से वॉकआउट करते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, " हम इस मुद्दे पर नियम 193 के तहत चर्चा कराना चाहते थे, लेकिन सरकार तैयार नहीं हुई।" उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री गरीबों के नाम पर सत्ता में आए लेकिन अब वह गरीबों की रक्षा करने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "प्रधानमंत्री मजबूर हो गए हैं। कमजोर हो गए हैं। वह मजबूरी से कह रहे हैं कि कुछ करना है तो दलित के बजाए मुझे गोली मारो।"
कांग्रेस सदस्य प्रमोद तिवारी ने जयपुर के पास हिंगोनिया गौशाला में गायों की मौत होने का मुद्दा शून्यकाल में उठाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फर्जी गौरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते हैं तो वह उन्हें ऐसे लोगों का नाम, पता उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि गायों की मौत के लिए राजस्थान सरकार दोषी है। उन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। तिवारी ने आरोप लगाया कि मोदी दलितों की रक्षा की बात करते हैं लेकिन गौरक्षा के नाम पर अल्पसंख्यकों के मारे जाने पर उन्हाने कोई चिंता नहीं जतायी।कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सदन में जवाब देने की बजाय प्रधानमंत्री सदन के बाहर बोल रहे हैं।गौरतलब है कि हैदराबाद में एक रैली को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हमला करना है तो मुझपर कीजिए, गोली चलानी है तो मुझ पर चलाइए, लेकिन मेरे दलित भाइयों पर हमले बंद होने चाहिए। मोदी ने इससे पहले अपनी पहली टाउन हॉल मीटिंग में भी कथित गौरक्षकों पर नाराजगी जाहिर की थी।उधर, बसपा प्रमुख मायावती और उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लिया है। अखिलेश यादव ने कहा, "गाय और गोरक्षा के मामले में सब भाजपा को जानते हैं। ये सारे नेता दूरिया बढ़ाने और विकास की बहस को भटकाने का काम कर रहे हैं। उनको जब अपना नुकसान दिखा, तब उनका यह बयान आया।"वहीं मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा दो साल तक चुप रही। आज उनकी आंख कैसे खुल गई। माया ने कहा कि यूपी और दूसरे प्रदेशों में जल्द ही चुनाव होने हैं। भाजपा को पता है कि दलित उनको वोट करने नहीं जा रहे, इसलिए वे ऐसे बयान दे रहे हैं।

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