DELHI की पूर्व CM SHEELA DIXIT होंगी UP में CONGRESS का चेहरा,जिम्मेदारी बहुत बड़ी
कांग्रेस ने गुरुवार को उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नाम का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने यूपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के लिए शीला दीक्षित के नाम का ऐलान किया है। इससे पहले यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद और हाल ही में बने प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने यूपी चुनाव प्रचार कमेटी के नामों पर चर्चा की। संजय सिंह को यूपी चुनाव की प्रचार कमेटी का प्रमुख बनाया गया है।
उत्तर प्रदेश में बतौर मुख़्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित के नाम के ऐलान के साथ ही कांग्रेस में प्रियंका गांधी को उत्तर-प्रदेश का चेहरा बनाए जाने की अटकलों पर विराम लग गया है। अपने नाम के ऐलान के बाद शीला ने जीत की उम्मीद जताते हुए कहा “बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिली है।” माना जा रहा है कि यूपी के 11 फीसदी ब्राह्मणों को लुभाने के लिए मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर शीला के नाम का ऐलान किया गया है। शीला के नाम के ऐलान के पीछे उनका राजनीतिक अनुभव और तीन बार का मुख्यमंत्री होना है। यूपी में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। 2012 के विधानसभा चुनाव में 403 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस 28 सीटों पर सिमट गई थी।कांग्रेस यूपी की सत्ता में 26 साल से बनवास झेल रही है। सूबे में 1989 मेकांग्रेस के आखिरी मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी रहे। पार्टी को लगता है कि शीला दीक्षित की बेदाग़ छवि, सभी समाज में स्वीकार्यता और ब्राह्मण चेहरा कांग्रेस की खोई ताकत में जान फूंक सकता है और पार्टी को सत्ता की दहलीज़ तक ला सकता है।कांग्रेस पार्टी की ओर से उत्तर-प्रदेश में मख्यमंत्री पद के लिए शीला दीक्षित के नाम के ऐलान होने के बाद शीला ने इसे बहुत बड़ी जिम्मेदारी बताया।इस नई जिम्मेदारी पर शीला दीक्षित ने कहा, "मैं पार्टी हाई कमान की शुक्रगुज़ार हूं कि उन्होंने मेरे ऊपर इतना विश्वास किया और मुझे इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी। अब हमारी कोशिश यही रहेगी कि उत्तर प्रदेश में पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा हो।"दिल्ली से काफ़ी अलग उत्तर-प्रदेश के हालात पर शीला दीक्षित ने कहा कि यूपी में कांग्रेस का मुकाबला सपा, बसपा, भाजपा, चारों पार्टियों से है। शीला दीक्षित ने कहा, "उत्तर प्रदेश में चुनौती बहुत बड़ी है, दिल्ली से कहीं ज़्यादा बड़ा प्रांत है। लेकिन हम इस विश्वास के साथ चुनाव मैदान में जा रहे हैं कि जीत के आएंगे।"
कांग्रेस ने गुरुवार को उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नाम का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने यूपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के लिए शीला दीक्षित के नाम का ऐलान किया है। इससे पहले यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद और हाल ही में बने प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने यूपी चुनाव प्रचार कमेटी के नामों पर चर्चा की। संजय सिंह को यूपी चुनाव की प्रचार कमेटी का प्रमुख बनाया गया है।
उत्तर प्रदेश में बतौर मुख़्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित के नाम के ऐलान के साथ ही कांग्रेस में प्रियंका गांधी को उत्तर-प्रदेश का चेहरा बनाए जाने की अटकलों पर विराम लग गया है। अपने नाम के ऐलान के बाद शीला ने जीत की उम्मीद जताते हुए कहा “बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिली है।” माना जा रहा है कि यूपी के 11 फीसदी ब्राह्मणों को लुभाने के लिए मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर शीला के नाम का ऐलान किया गया है। शीला के नाम के ऐलान के पीछे उनका राजनीतिक अनुभव और तीन बार का मुख्यमंत्री होना है। यूपी में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। 2012 के विधानसभा चुनाव में 403 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस 28 सीटों पर सिमट गई थी।कांग्रेस यूपी की सत्ता में 26 साल से बनवास झेल रही है। सूबे में 1989 मेकांग्रेस के आखिरी मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी रहे। पार्टी को लगता है कि शीला दीक्षित की बेदाग़ छवि, सभी समाज में स्वीकार्यता और ब्राह्मण चेहरा कांग्रेस की खोई ताकत में जान फूंक सकता है और पार्टी को सत्ता की दहलीज़ तक ला सकता है।कांग्रेस पार्टी की ओर से उत्तर-प्रदेश में मख्यमंत्री पद के लिए शीला दीक्षित के नाम के ऐलान होने के बाद शीला ने इसे बहुत बड़ी जिम्मेदारी बताया।इस नई जिम्मेदारी पर शीला दीक्षित ने कहा, "मैं पार्टी हाई कमान की शुक्रगुज़ार हूं कि उन्होंने मेरे ऊपर इतना विश्वास किया और मुझे इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी। अब हमारी कोशिश यही रहेगी कि उत्तर प्रदेश में पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा हो।"दिल्ली से काफ़ी अलग उत्तर-प्रदेश के हालात पर शीला दीक्षित ने कहा कि यूपी में कांग्रेस का मुकाबला सपा, बसपा, भाजपा, चारों पार्टियों से है। शीला दीक्षित ने कहा, "उत्तर प्रदेश में चुनौती बहुत बड़ी है, दिल्ली से कहीं ज़्यादा बड़ा प्रांत है। लेकिन हम इस विश्वास के साथ चुनाव मैदान में जा रहे हैं कि जीत के आएंगे।"

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